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Monday, January 8, 2018

Technology #3 –BS4 गाडियाँ (बाइक) क्या हैं?

नमस्कार दोस्तों ,
मेरा नाम हैं, प्रेम , और आप हैं I LEARN, WE LEARN पर ।

1 अप्रैल 2017 से सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केवल बीएस4 गाडियाँ ही मार्केट मे होंगी, ऐसा कहा गया था । सारे डीलर और बाइक विक्रेता ने सस्ते दामों मे गाडियाँ बेच दी थी । तो आइये जानते हैं की आखिर ऐसा क्या था की BS4 गाडियाँ जरूरी हो गयी हमारे लिए , तो आज जान लेते हैं की आखिर क्या हैं ये ? और BS4 और BS3 से क्या अलग हैं गड़ियों मे।

BS एक भारत की मानक पैमाना हैं, जिसे हर गाड़ी बनाने वाली कंपनी को मानना होता हैं । BS एक पैमाना तय करती हैं। BS प्रमुख्त: गाड़ी से उत्सर्जित हानिकारक गैस से आने वाले वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार द्वारा दिया गया मानक है। यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निर्धारित किया जाता है। BS मानक आम तौर पर देश में चल रहे सभी वाहनों पर लागू होता है।

Air-Suction-Valve
BS2 स्टैंडर्ड सन 2000 मे लागू की गयी थी, जिसके अंतर्गत आपके इंजन मे एक Air-Suction-Valve लगाया जता था जो आपकी गाड़ी से निकलने वाली कार्बन-मोनो आक्साइड को कार्बन-डाई-आक्साइड मे बदल देता हैं, जिससे आपकी गाड़ी थोड़ा कम प्रदूषण करती थी ।

कैटलिक कनवर्टर
2010 मे BS3 वाली गाडियाँ आनी शुरू हुई, जिसमे एक और उन्नयन (up gradation) किया गया, अब आपके गाड़ी के साइलेंसर मे एक कैटलिक कनवर्टर का इस्तेमाल किया गया । ये कैटलिक कनवर्टर आपके गाड़ी से निकालने वाली हानिकारक प्रदूषक को कम हानिकारक उत्सर्जन में बादल कर वातावरण मे छोड़ती हैं । बहुत सी भारतीय गाड़ियों मे कंपनी ने केवल कैटलिक कनवर्टर का ही इस्तेमाल किया लेकिन कुछ गाड़ियों मे कैटलिक कनवर्टर और Air-suction- valve दोनों का इस्तेमाल किया गया ।

इसके बाद 2017 मे BS4 गाडियाँ आयी , इसमे Air-suction- valve को हटाकर इसमे एक canister लगाया गया । ये canister आपकी गाड़ी मे पेट्रोल की टंकी के ठीक नीचे लगाया जाता हैं । canister आपके गाड़ी मे पेट्रोल के वाष्पीकरण को रोकाता हैं इससे पहले केवल निकलने वाली गैस को ही नियंत्रित किया जाता था और उसे साफ बनाकर वातवरण मे छोड़ा जाता था । लेकिन यह देखा गया की जब आप गाड़ी चलते हैं तो चलने पर टंकी का ऊपरी हिस्सा गर्म होकर पेट्रोल को कुछ प्रतिशत तक वाष्पीकृत होता था जिससे बचने के लिए canister का इस्तेमाल किया गया, ये कार्बन canister पेट्रोल के वाष्पीकरण को रोककर उसे पुन: उपयोग मे लाता हैं और बचे कण को वातावरण मे छोड़ देता हैं जिससे सल्फर के कुछ कण वातावरण मे आने से बच जाते हैं । इस तकनीक से वाहनों मे 80% तक वाहन कम प्रदूषण फैलाते हैं । जबकि BS3 केवल 65% तक ही ऐसा कर सकते हैं ।

इसके अलावा BS4 मे एक और फंकशन और जोड़ा गया जिसे AHO कहा जाता हैं –
नोट- ये तकनीक बाइक(मोटर-साइकिल) पर इस्तेमाल होने वाली एक तकनीक हैं , कार अर्थात फोर-व्हीलर पर दूसरी तकनीक काम मे लाई जाती हैं ।

AHO- Automatic Headlamp On, इस तकनिक का इस्तेमाल जान-माल की हानी और भविष्य मे दुर्घटनाओ पर अंकुश लगाने के लिए किया, इसके तहत आपकी गाड़ी की हेड-लाइट इंजन क साथ ही शुरू हो जाएगी और ये हमेशा हेड-लाइट को ऑन ही रहेगी । बहुत से लोगो का मानना था की ये बेकार तकनीक हैं लेकिन सरकार ने इसका उपयोग घटनाओ को रोकने के लिए किया ताकि आमने-सामने से गुजरने वाली गाड़ियों को आपकी दृश्यता सही ढंग से दिखे ।
2020 मे BS5 या BS6 से लैस गाडियाँ आने की संभावना हैं जो 90% तक प्रदूषण को रोक पाएंगे ।

तो उम्मीद करता हूँ की आज का टॉपिक पसंद आया होगा ।
ऐसे ही जानकारी के लिए जुड़े रहिए ILEARN-WELEARN पर ।

Saturday, January 6, 2018

#2 मनोरंजन - मूवी रिव्यू (दिसम्बर अंत और जनवरी शुरू)

नमस्कार दोस्तों ,
मेरा नाम हैं, प्रेम , और आप हैं I LEARN, WE LEARN पर ।
 तो आज हैं शनिवार और वक़्त है कुछ मनोरंजन से जुड़ी बातों का –

सबसे पहले बात करते हैं दिसम्बर के  दूसरे पखवाड़े मे रिलीस हुई कुछ फिल्मों का –

दिसम्बर के दूसरे पखवाड़े मे फिल्मे तो बहुत सी आयी लेकिन टाइगर ज़िंदा हैं ने बाज़ी मार ली ।
 175 करोड़ मे बनी ये फिल्म , महज 10 दिन मे ही इसने 300 करोड़ कमा लिए। और निरंतर इसके बढ्ने के आसार हैं । सलमान की पुरानी फिल्म सुलतान ने भी 300 करोड़ कमाए थे बताया जा रहा की ये आंकड़ा शायद टायगर ज़िंदा हैं तोड़ेगी । अली अब्बास जफर द्वारा निर्देशित यह फिल्म टाइगर जिंदा है तो हिट रहीं हैं । फिल्म की एक्शन एवं कहानी को सराहा जा रहा हैं । इसके अलावा और भी बहुत सी फिल्म आई जैसे मेरे फ्रेंड की दुल्हनिया, बैंगओवर और भी बहुत सी लेकिन, टाइगर जिंदा है 2017 के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिये ।


अब बात कर लेते हैं जनवरी में आने वाले कुछ फिल्मों का


अभी कुछ दिनों पहले ही पैडमेन का ट्रेलर आया था , वो काफी हिट रहा । वह फिल्म 26 जनवरी को रिलीस होगी । उसी दिन सिद्धार्थ मल्होत्रा की फिल्म Aiyaary रिलीस होगी । इस फिल्म में सिद्धार्थ मल्होत्रा, मनोज बाजपेई और रकुल प्रीत सिंह हैं । 65 करोड़ मैं बनी यह फिल्म 2000 से भी ज्यादा स्क्रीन पर रिलीस होगी अब यह कितना कमाल कर पाती है यह देखने की बात है । अगर पद्मावती भी 26 को रिलीज होगी तो हो सकता हैं Aiyaary की रिलीज आगे बढ़ जाये । 

इसके अलावा और भी फिल्म आपको जनवरी से देखने मिल जाएगी ।

1.        Kaalakaandiसैफ आली की यह फिल्म 30 करोड़ मे बनी हैं । और यह थ्रिलर- कॉमेडी के आधार पर बनाई गयी हैं । फिल्म के मिड रेंज रहने की उम्मीद हैं । यह फिल्म 12 जनवरी को रिलीज़ हो रही हैं ।
2.        1921 – जैसा की मैंने पिछले हफ्ते बताया था , Reliance Entertainment की यह फिल्म डरवानी बनाई गयी हैं ।  फिल्म की रेटिंग और इसकी prdiction अभी तक तो सहीं बताई जा रही हैं । फिल्म 15 करोड़ मे बनी हैं और यह भी 12 जनवरी को रिलीज़ होगी ।
इनके आलवा मुक्केबाज़, कबबड्डी और निरोध जैसी फिल्में आएंगी । अब देखना हैं की इनमे से कोन सी फिल्म ज्यादा मुनाफा कमा पाती हैं । हालांकि इन सब फिल्मों से उम्मीद कम हैं ।
ऐसा सुनने मे आया हैं हैं की पद्मावती उर्फ पद्मावत भी जनवरी के अंत तक रिलीज हो सकती हैं ।


बात करें तो हॉलीवुड मे तो  Jumanji को भारत मे 28 करोड़ की सफलता मिली हैं और Star Wars The Last Jedi 11.85 करोड़ के साथ घाटे मे रहीं । फिल्म मे न चलने का कारण फिल्म की कम प्रमोशन को बताया जा रहा ।
तो दिसम्बर की टॉप 3 फिल्में रहीं हैं –
1. टायगर ज़िंदा हैं
2. Jumanji
3. फुकरे रिटर्न्स

और जनवरी मे हमारी ये prediction हैं की
1.        पैडमेन
2.        Aiyarry
3.        1921
फिल्में टॉप मे हो सकती हैं हैं । अब देखते हैं की ये बातें कितनी हद तक सच होती हैं ।

तो आज के ब्लॉग के लिए बस इतना ही ...

ऐसे ही जानकारी के लिए जुड़े रहिए ILEARN-WELEARN पर ।

Tuesday, January 2, 2018

ज्ञान #2 - भारत की प्रमुख 5 नदियाँ

नमस्कार दोस्तों ,

मेरा नाम हैं प्रेम, और आप हैं  I LEARN, WE LEARN पर । और आज नॉलेज के दूसरे आर्टिक्ल पर हम बात करेंगे भारत की कुछ प्रमुख 5 नदियों के बारें मे –

1.        सिंधु नदी – यह भारत की सबसे लंबी नदी हैं,जिसकी लंबाई 3200 की॰मी हैं । इसका उद्गम स्थल तिब्बत के मानसरोवर से होता हैं । मानसरोवर से निकलने के बाद यह नदी तिब्बत और कश्मीर के बीच बहती हैं । और फिर दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान मे बहती हैं । और अंत मे अरब सागर मे जा मिलती हैं । ये दुनिया की 21वीं सबसे बड़ी नदी है । 

2.       गंगा नदी – यह भारत की सबसे लंबी नदी हैं , हालांकि यह ब्रह्मपुत्र और सिंधु से छोटी हैं पर गंगा नदी भारत के ज्यादातर हिस्सों मे बहती हैं । इसकी लंबाई 2525 की॰मी हैं । यह गोमुख से निकलकर गंगोत्री मे अपनी और भी सहायक धाराओ के साथ बहकर हरिद्वार पहुँचती हैं वहाँ से यह उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड बिहार ,पश्चिम-बंगाल से होते हुए अंत मे बंगाल की खड़ी मे जा के मिलती हैं । गंगा की कई सहायक और उपसहायक नदियां हैं, जिनमे यमुना, रामगंगा, गड़क, कोसी, महानदी और सोन-नदी  आदि नदियां हैं । इन सभी नदियों के कारण गंगा का फैलाव पूरे उत्तरी और पूर्वी-भारत मे होता हैं ।

3.       ब्रह्मपुत्र नदी – हिमाली से निकालने वाली यह नदी तिब्बत के पठारों से निकलती हैं । तिब्बत मे इस संगपो खा जाता हैं । इसकी कुल लंबाई 2900 कि॰मी॰ हैं । तिब्बत से होते हुए यह नदी भारत मे अरुणाचल प्रदेश मे आती हैं यहाँ इसे दिहांग कहा जाता हैं । और यही पे यह देवांग और लोहित नदियों के साथ मिलकर बहती हैं ये नदियां मिलकर असम के संकीर्ण घाटी मे बहती है और यहाँ से वह बांग्लादेश मे भी जाती हैं और अंत मे बंगाल कि खाड़ी मे जा मिलती हैं ।

4.       गोदावरी नदी – इस नदी कि शुरुआत नासिक कि पहाड़ियों से होती हैं । इसकी कुल लंबाई 1450 कि॰मी॰ हैं । यह नदी दक्षिण भारत में पश्चिमी घाट से लेकर पूर्वी घाट तक प्रवाहित होती है। हैं। समुद्र में मिलने से (लगभग 96 कि.मी.) पहले ही नदी बहुत ही सँकरी उच्च दीवारों के बीच से बहती है। बंगाल की खाड़ी में दौलेश्वरम् के पास डेल्टा बनाती हुई यह नदी सात धाराओं के रूप में समुद्र में गिरती है ।

5.       नर्मदा नदी – इस नदी कि उदगम स्थल मध्यप्रदेश के अमरकंटक कि पहाड़ियों से होती हैं । इस नदी कि कुल लंबाई 1312 कि॰मी॰ हैं । अमरकंटक की पहाड़ियों से निकल कर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात से होकर नर्मदा भरौंच के आगे खंभात की खाड़ी में विलीन हो जाती है।

 यहाँ केवल दूरी के आकलन के हिसाब से आकलन कर केवल प्रमुख जानकारी बताई गयी हैं । हर नदी का इतिहास गहरा हैं । और अधिक जानकारी आपको इंटरनेट पर मिल जाएगी ।

इस सभी जानकारियों के लिए उपयोग की गयी वैबसाइट –


Monday, January 1, 2018

Technology #3 – इंडक्शन कैसे काम करता हैं!!!

नमस्कार दोस्तों ,
मेरा नाम हैं, प्रेम और आप हैं I LEARN, WE LEARN पर ।

हम मे से तकरीबन बहुत से घरों मे इंडक्शन होता हैं , जिसमे हम खाना पकाते हैं , एक समय था जब हर घर मे हीटर का प्रयोग होता था , लेकिन आज उसकी जगह इंडक्शन ने ले ली हैं , इंडक्शन उपयोग मे सरल और सुविधापूर्ण हैं । लेकिन इसके आधुनिक डिज़ाइन, इसके प्रचलन की मुख्य वजह हैं । इंडक्शन की सबसे प्रमुख बात यह हैं की यह कम समय मे आपके खाद्य सामाग्री को गर्म करता हैं । तो आखिर ये कैसे होता हैं , तो आइये जान लेते हैं हैं की ये कैसे काम करता हैं ।

इंडक्शन प्रमुखत; विधुत-प्रेरण पर काम करता हैं, इंडक्शन के अंदर कॉपर की क्वाइल(coil) होती हैं, जब हम इंडक्शन को चालू करते हैं ,तो धारा बहते हुए क्वाइल मे पहुँचती हैं, ये कोपर की कुंडली उसमें एक चुंबकीय प्रभाव उत्पन्न करती हैं जिसके संपर्क मे कोई भी स्टील का बर्तन आने से उसके अंदर रखी खाद्य-सामाग्री गरम होने जाता हैं ।

इंडक्शन कूकिंग सिस्टम के 2 पार्ट होते होते हैं ,

1.      .
 क्वाइल (कॉपर कुंडली) - ये कुंडली चित्र मे ढिखाए अनुसार होती हैं जब उसमे विधुत-धारा प्रभावित होती हैं  वह कुंडली एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करती हैं । ये चुंबकीय क्षेत्र केवल किसी भी मेटलीक पदार्थ को ही प्रभवित करती हैं बाकी कोई भी अन्य वस्तु पर यह कोई प्रतिक्रिया नहीं देती हैं ।


2.       बर्तन – इंडक्शन-कुक-टॉप पर हर प्रकार के बर्तन काम नहीं करते हैं , ऐसे बर्तन जो आइरन या आइरन बेस्ड हो उन पर ही यह काम करता हैं । बहुत से स्टेनलेस बर्तन पर यह काम करता हैं क्यूकी उनमे कहीं न कहीं आइरन की मात्रा होती हैं । बहुत से कास्ट-आइरन और नॉन-स्टिक बर्तन भी इंडक्शन पर काम करते हैं ।

जब आप इंडक्शन को चालू करते हैं तो विधुत धारा आपके क्वाइल मे पहुँचती हैं और इसमे बहने लगती हैं कॉपर की क्वाइल विहुत धारा-पाकर एक अस्थिर चुंबकीय क्षेत्र बनती हैं, जिसमे किसी भी प्रकार की ऊष्मा या गर्मी नहीं होती हैं । जब आप इस पर इंडक्शन पर काम करने वाले बर्तन रखते हैं तब ये कॉपर की कुंडली बर्तन के धातु में छोटे विद्युत प्रवाह को प्रेरित करता है चूंकि आइरन विद्युत का बुरा सुचालक होता हैं, तो आपके बर्तन के माध्यम से बहता हुआ करंट, एक प्रतिरोधक हीटिंग या ऊष्मा भी उत्पन्न करता है, जिसके कारण भोजन को पकाने हेतु जरूरी गर्मी प्राप्त हो जाती हैं । चूंकि इसमे ऊष्मा का कहीं हानि नहीं हैं, आपका बर्तन जीतने सतह पर होगा उसके अंदर ही ऊष्मा पैदा होगी इसलिए इसमे कम समय मे खाना पाक जाता हैं ।

तो उम्मीद करता हूँ की आज का टॉपिक पसंद आया होगा ।

ऐसे ही जानकारी के लिए जुड़े रहिए ILEARN-WELEARN पर । 

Thursday, December 21, 2017

Mobile Review #1 - नोकिया 2 (Nokia - 2)

नमस्कार दोस्तों ,
मेरा नाम हैं, हैं प्रेम , और आप हैं I LEARN, WE LEARN पर ।

कुछ फोन अपनी ज्यादा विशेषता के कारण प्रसिद्ध होते हैं तो कुछ कम विशेषता के कारण ।
हाल ही मे आए फोन नोकिया 2 अपनी थोड़ी कम विशेषता के कारण प्रसिद्ध हो रहा । तो आज बात कर लेते हैं, नोकिया 2 के बारे मे ।
आगे बढ़ने से पहले बता दूँ मैं की यह एक specification( विवरण) के आधार पर किया गया आकलन हैं । यानि की मैं मोबाइल के केवल सॉफ्टवेर, हार्डवेर और मोबाइल के फंकशन के आधार पर उसके बारे मे बात करूंगा ।
किसी भी फोन के 60% जानकारी उसकी specification बता देती हैं, लेकिन फोन का 40% जानकारी आपको तभी मिलती हैं जब आप उस फोन को उपयोग करते हैं । तो मैं यहाँ केवल उस 60% पर बात करूंगा । मैंने ये जानकारी खुद एकत्रित की हैं और फोन पर मेरी प्रतिक्रिया अपनी हैं । यह किसी भी तरह का विज्ञापन नहीं हैं ।

तो सबसे पहले जान लेते हैं की फोन मे आपको क्या मिलता हैं –

टाइप - टचस्क्रीन
बैटरी – 4100 Mah
स्क्रीन साइज़ - 5 इंच
रिज़ॉल्यूशन - 720x1280 पिक्सल
प्रोसेसर - 1.3 Ghz क्वाड-कोर
प्रोसेसर मॉडल - Qualcomm Snapdragon 212
रैम - 1 जीबी
इंटरनल स्टोरेज - 8 जीबी
एक्सपेंडेबल स्टोरेज - हां
एक्सपेंडेबल स्टोरेज टाइप – माइक्रो एसडी कार्ड  ( 128 जीबी तक )

कैमरा
रियर (पीछे) कैमरा - 8-मेगापिक्सल
रियर (पीछे) फ्लैश - हां
फ्रंट (सामने) कैमरा - 5-मेगापिक्सल
फ्रंट (सामने) फ्लैश - नहीं

सॉफ्टवेयर
ऑपरेटिंग सिस्टम - एंड्रॉ़यड 7.1.1 ( कोर एंड्रॉ़यड )

कनेक्टिविटी
वाई-फाई , जीपीएस, ब्लूटूथ - हां
एनएफसी - नहीं
चार्जिंग आउटपुट – माइक्रो यूएसबी ( फास्ट चार्जिंग नहीं सपोर्ट करता )
यूएसबी ओटीजी - हां
हेडफोन- 3.5 एमएम ( ऊपर की तरफ )
सिम की संख्या - 2
सिम 1/सिम 2 - 3जी , 4जी

सेंसर
कंपास/ मैगनेटोमीटर, एंबियंट लाइट सेंसर, एक्सेलेरोमीटर         - हां
प्रॉक्सिमिटी सेंसर, जायरोस्कोर, बैरोमीटर – नहीं

और अधिक जानकारी आपको गूगल पर मिल जाएगी ।

फोन की सबसे अच्छी बात - 1. बैटरी - बताया जा रहा की फोन की बैटरी को 2 दिन तक चलने के लिए बनाया गया हैं ।
2. डिज़ाइन – नोकिया ने छोटे बजट फोन होने के बावजूद भी उसे वैसा ही डिज़ाइन दिया हैं , जैसा आपको नोकिया 3, 5 और 6 मे देखने को मिलता हैं । हालांकि फोन का पीछे का कवर आपको प्लास्टिक का मिलता हैं ।
3. एंड्रॉ़यड 7.1.1 ( कोर एंड्रॉ़यड ) - इस बजट सेगमेंट मे कोर एंड्रॉ़यड मिलना मुश्किल हैं । लेकिन नोकिया ने ये मुमकिन किया हैं । 

फोन की सबसे बुरी बात – 1. फोन मे दी गयी फीचर के हिसाब से फोन बहुत महंगा हैं । यह फोन 7000 रुपए की कीमत मे आता हैं और उसमे भी 1 जीबी रैम और 8 जीबी स्टोरेज दी गयी हैं ।
2. यह snapdragon के 212 प्रोसेसर पर चलता हैं जो की बहुत पुराना प्रॉसेसर हैं ।
3. रैम और इंटरनल स्टोरेज बहुत कम हैं ।

इस फोन का प्रतियोगी - मुझे लगता हैं की हाल ही मे लॉंच हुए फोन रेडमी 5A इसका कड़ा विरोधी हो सकता हैं , क्यूकी वो 5000 रुपए मे नोकिया 2 से ज्यादा चीजे दे रहा हैं ।

किन लोगों की लिए यह फोन सहीं हैं - 1. अगर आप अपना secondary या दूसरा फोन लेने का सोंच रहे हैं जो एंड्रायड पर चलता हों और आप उससे अपने छोटे-मोटे काम लेने का सोंच रहे हैं, जैसे फोन आना-जाना, म्यूजिक और WhatsApp । तो यह फोन आपके लिए सही हैं । बैटरी ज्यादा होने से यह ज्यादा समय तक फोन चलेगा ।
2. अगर आप अपने किसी बड़े रिश्तेदार जैसा दादा-दादी और माता-पिता, जो फोन का ज्यादा उपयोग नहीं करते उनकी सामान्य सी जरूरतें होती हैं तो आप उन्हे ये फोन गिफ्ट कर सकते हैं ।

मेरी नज़र मे फोन - नोकिया एक नामी कंपनी है, एक ज़माना था जब हर घर मे नोकिया के फोन मिलते थे , ऐसे मे नोकिया ने वापसी की हैं एचएमडी ग्लोबल के साथ । आज भी एक नाम मौजूद हैं नोकिया का लेकिन मार्केट मे बने रहने के लिए जरूरी हैं की आप अपने बेहतर समान ग्राहक को दें । मेरे हिसाब से फोन थोड़ा ज्यादा कीमत का हैं इसे तकरीबन 5000 रुपए तक होना चाहिए था तब भी मार्केट मे mi जैसी कपनियाँ बहुत ज्यादा चीजे देकर ग्राहक को खिच रहीं हैं । इसमे बैटरी को छोड़ बाकी सब उतने अच्छे नहीं लगाय गए हैं । फोन बिलकुल छोटे कामों मे इस्तेमाल के लिए ठीक हैं,  प्रोसेसर और रैम कमजोर हैं तो आप इससे ज्यादा काम कि अपेक्षा नहीं कर सकते । कैमरा ठीक-ठाक दिया गया हैं लेकिन सामने 13 मेगापिक्सल होता तो फोन और भी जान-दर होता ।

उम्मीद करता हूँ, आज का टॉपिक आपको पसंद आएगा ।
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Tuesday, December 19, 2017

Tech #2 – फास्ट चार्जिंग


नमस्कार दोस्तों ,
मेरा नाम हैं, हैं प्रेम , और आप हैं I LEARN, WE LEARN पर ।
दूसरे हफ्ते के पहले tech ब्लॉग मे आपका स्वागत हैं ।

आजकल बहुत से स्मार्ट फोन मे फास्ट चार्जिंग की सुविधा देने शुरू हो गयी हैं । जैसा की आप जानते हैं जैसे जैसे मोबाइल फोन मे सुविधाए बढ़ी, उनकी ज्यादा बैटरी की भी जरूरत पड़ी तब उनमे यह जरूरी हो गया की जल्दी से चार्ज होने वाला सिस्टम बनाया जाये ।
ऐसे मे चर्चित कंपनी QUALCOMM ने फास्ट चार्जर बनाए । जैसे जैसे दिन बढ़े इनमे और बढ़ोतरी होती गयी । जैसे की QUALCOMM ने क्विक चार्ज (quick charge) के 3 वर्शन बनाए हैं ।



कैसे काम करता हैं – इस तकनीक की मदद से बैटरि की आउटपुट क्षमता को बढ़ाकर उसे ज्यादा पावर दिया जाता हैं । जैसे की फास्ट चार्जिंग से पहले मोबाइल के बैटरी को तकरीबन तकरीबन 5 वाट तक की पावर दी जाती थी ,लेकिन QUALCOMM ने इस बढ़ा कर 18 वाट कर दी । जिससे फोन जल्दी चार्ज होने लगे ।

QUALCOMM quick charge 1.0 – 10 वाट (5V X 2A = 10 वाट)

ऐसे मे जब आप अपने फोन को चार्ज करते हैं तो वह शुरू के 50- 60% तो तेज़ चार्ज होती हैं लेकिन बाद मे इसकी रफ्तार धीमी हो जाती हैं । समान पावर वोल्ट दिये जाने पर आपकी बैटरि धीरे-धीरे चार्ज होती जाती हैं । ऐसे मे जरूरी था की पावर सोर्स के बहुत से पावर लेवेल हो, जिससे बैटरि अपनी क्षमता अनुसार पावर ल सके । इसका सुधार version 2 मे लाया गया ।

QUALCOMM quick charge – 2.0 – 18 वाट (9V X 2A = 18 वाट)

तब QUALCOMM ने quick charge – 2.0 मे 3 पावर लेवल उपलब्ध कराये –
(5V X 2A = 10 वाट)
(9V X 2A = 18 वाट)
(12V X 1.67A = 18 वाट)
quick charge – 3.0 मे इन चीजों को और बढ़ा कर थोड़ा और ठीक किया गया इसमे (5V X 2A = 10 वाट) से लेकर (12V X 1.67A = 18 वाट) के बीच मे बहुत से पावर लेवल बनाया गया की बैटरि अपनी क्षमता अनुसार, एडेपटर से पावर ले सके । इन दोनों पैमानो के मध्य धारा और वोल्ट लगातार बदलते रहते हैं जिससे आपका जल्दी चार्ज हो पाये । ये बिलकुल एक बात करने के जैसा हैं की जितनी पावर फोन(बैटरि) मांगता हैं उसके हिसाब से एडेपटर पावर देता जाता हैं ।
उदाहरण - (5V X 2A = 10 वाट)
(5.2V X 2A = 10.4 वाट)

फास्ट क्गर्गिंग की सुविधा के लिए 2 चीजे मायने रखती हैं,
1. Adapter (एडेपटर) – फास्ट चार्जिंग होने के लिए ये चीज सबसे महत्वपूर्ण हैं की आपका एडेपटर कितने ज्यादा पावर लेवेल उपलब्ध करा सकता हैं । इसका पता आप अपने मोबाइल के एडेपटर को देखकर पता लगा सकते हैं की वह कितनी पावर को सपलाई कर सकता हैं।
2. Processor – ये भी एक महत्व्पूर्ण पहलू हैं । आपका processor जितना ज्यादा पावरफल होगा उतनी ज्यादा पावर सप्लाई को वह सपोर्ट करेगा । इसका ताल्लुक आपके फोन मे लगे इलैक्ट्रिक बोर्ड से हैं । अलग अलग तरह के चिप सेट अलग अलग पावर सप्लाइ पर चलते हैं । इसे ऐसे समझा जा सकता हैं की अलग अलग चिप सेट अपने मे से एक लिमिटेड मात्रा मे इलेक्ट्रॉन के अवागमन को बाध्य करते हैं ।

इन सब के बावजूद कभी-कभी आपका फोन सही ढंग से चार्ज नहीं हो पता उसका कारण यह हैं की आपका processor कितना व्यस्त हैं । अगर आपके फोन मे बहुत सारे एप्लिकेशन खुले हैं, ऐसे मे आपका प्रॉसेसर ज्यादा सक्षमता से आपका होने चार्ज नही कर पाता । जितना ज्यादा processor व्यस्त होगा उतना ही ज्यादा समय चार्जिंग मे लगेगा और हो सकता हैं की फोन गर्म भी हों । चूंकि फोन मे लगे चिप सेट मे जो सरकिट होता हैं उसमे उसी समय मे बहुत से इलेक्ट्रॉन का अवागमन होगा तो लगातार इलेक्ट्रॉन बहने से इलेक्ट्रॉन उत्तेजित हो जाएंगे और फोन गर्म हो जाएगा ।

टिप – अगर आपका फोन आपको जल्दी चार्ज करना हैं तो आप उनमे चल रहे एप्लिकेशन को बंद कर दे । और चार्जिंग के समय फोन का इस्तेमाल ना करें ।

तो ये थे कुछ मुख्य बातें , फास्ट चार्जिंग से जुड़ी ।
उम्मीद करता हूँ, आज का टॉपिक आपको पसंद आएगा ।
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Saturday, December 16, 2017

#1 मनोरंजन

नमस्कार दोस्तों ,
मेरा नाम हैं, हैं प्रेम , और आप हैं I LEARN, WE LEARN पर ।
 तो आज हैं शनिवार और वक़्त है कुछ मनोरंजन से जुड़ी बातों का –

सबसे पहले बात करते हैं दिसम्बर के पहले पखवाड़े मे रिलीस हुई कुछ फिल्मों का –

1.      फिरंगी – कपिल शर्मा की यह फिल्म, पिछली फिल्म (किस किस को प्यार करूँ) के मुक़ाबले कुछ ज्यादा कमाल नहीं कर पायी । फिल्म का ट्रेलर तो लाजवाब था, खूब तारीफ भी मिली लेकिन ये शायद लोगो को ज्यादा पसंद नहीं आई । यह फिल्म का बजट तकरीबन 30 करोड़ रुपए था और 16 दिन के बाद भी फिल्म ने केवल 8.5 करोड़ रुपए ही कमाए ।


2. तेरा इंताजर  - सनी लीओन और अरबाज़ खान की ये फिल्म भी फ्लॉप रहीं , फिल्म के कुछ अच्छे गाने फिल्म को ग्राथ नहीं दे पाये, और 12 करोड़ मे बनी ये फिल्म भी तकरीबन एक हफ्ते के बाद भी कुछ खास मुनाफा नहीं कमा पाई ।


3.     
फुकरे रिटर्न्स – लंबे समय से चल रहे प्रमोशन के बाद फिल्म 8 दिसंबर को रिलीस हुई । ये फिल्म महज 8 दिन मे 55 करोड़ रुपये कमाए जबकि फिल्म की लागत केवल 30 करोड़ बताई गयी हैं । तो कुल-मिलाकर ये फिल्म हिट रही हैं ।

 इनके आलवा भी कुछ फिल्मे रिलीस हुई, लेकिन ये कुछ प्रमख थी । आब बात करते हैं कुछ आने वाली फिल्मों के बारे मे –


टाइगर जिंदा हैं – ये फिल्म 22 दिसम्बर को रिलीस हो रही, और अभी तक फिल्म के गाने और ट्रेलर ने खुब धमाल मचाया हैं अब देखते हैं की 175 करोड़ मे बनी ये फिल्म कितनी सफल होती हैं ।
और भी कुछ फिल्मे आने वाली हैं आप यहाँ जाकर देख सकते हैं –


अभी अभी यूट्यूब पर 2 ही बड़ी फिल्मों के ट्रेलर आए हैं –


1.      पैडमैन – इसमे अक्षय कुमार, राधिका आपटे और सोनम कपूर नज़र आ रहीं हैं । फिल्म का ट्रेलर 24 घंटो के भीतर ही ट्रेंडिंग नंबर 1 पर पहुँच गया ।
2.      1921 – विक्रम भट्ट, करण कुंद्रा और जरीन खान की ये डरावनी फिल्म भी ट्रेंडिंग पर रही । उम्मीद करते हैं की फिल्म कुछ अच्छा कर पाएगी ।

और जाते जाते बोनस पॉइंट – लघु (शॉर्ट) फिल्म बुलबुल, 7 दिसम्बर को टी-सिरीज़ पर रिलीस हुई हैं । फिल्म ने कुछ अलग तरह का प्रयास किया हैं, फिल्म मे बहुत कब शब्दों के इस्तेमाल किया गया हैं ।

आज के लिए बस इतना ही ।
तब तक के लिए बने रहिए I LEARN, WE LEARN के साथ ।


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